नहीं मालूम कब अइहो-कहिया लेईहो मोर खबरिया कजरिया बीतल जाला मोर बालमुआ ||टेक||
सावन के बहार लोय मची हुई झनकार लो नई-नई सब मार लोय -छलके हमरे दवार लोय ।
उड़ान- सखिए पहिरै सारी हमारी फटली सी लुगरिया शरिरिया सरमाला मोर बलमुआ ||1||
सब ही गोरी करी लोय एक बरन की नारी लोय गरमे गरवा डारी लोय उड़ा रही मजेदारी लोय ।
उड़ान- लगै हमै जस बरक्षी केरै रिरक्षी जब न जहिया डगरिया न सुझाला मोर बलमुआ ||2||
एक तो दिन बरसाती लोय दुसरे मद मद से माती लोय लगे हुए है घाती लोय ।
उड़ान- गरज रहा घन घोर चोर पिट रहे केवड़िया-अटरिया जीव डेराला मोर बलमुआ ||3||
लगा के तन पर दाग लोय हमके गए तियाग लोय लगे विदेश मे आग लोय जारै हमारी भाग लोय
उड़ान- आखिड़ घर पर अइहो पइहो नाही मजेदरिया-ऊमरिया घसकल जाला मोर बालमुआ ||4||
एक दिन दिल उबियाए लोय सब श्रृंगार धोनाय लोय-तइसे पीयऊ आये लोय फिर से लगी नहाए लोय ।
उड़ान- कहते बफ्फत धैके बहिया लेगइली सेजरिया कसरिया सब मेंडाला मोरे बलमुआ ||5||
