राज कलजुगक आयल मोरे बालमआ राजा || टेक ||
जिसदिन कलजुग दखल किया तब सतयुग चला पराई जो कहता कलजुग ऐसे तजुग कुछ बात लेव बातीआई जी||
नहीं तुम्हारा दुश्मन है हम खाश-तुम्हारा भाई जी राजनिति की थोड़ा बाते हमें जाव बतलाई जी ||
उड़ान- साँच बतईहो बात होई किस जगहे मुलाकात -कहे जात हो परायल मोरे बालमुआ ||1||
कहता सतयुग ऐ कलयुग तू अपना करो बयान जी ।
किस जगहे पर होई भेट है कहवाँ तेरा जब हम तुमसे मिले के खातिर घर से करूब पयान जी
जल्दी से हो लाप भेट न होआ बहुत हलकान जी ||
उड़ान- साच बतइयो ठिकाना हमसे करना नहीं बहाना- कलजुग सुनतै मुस्कियायल मोरे बालमुआ ||2||
कहता कलजुग वही मिलेंगे जहाँ रासऔ रंग हो ।
अफीम माजा शराब ताड़ी जहाँ घौताती भंग हो ।
चुगला चूहड़ा बदमासन ने बेसक सोहा बैउपा हो ||
झूठ कहवईया बेईमान गड़अन-भाड़वन के सग होना ।
उड़ान- कही न हमके पइहो तब लू चुगुलाके घर अइहो-रहवै गुस्सा मेर कहता सतयुग ए कलजुग जब हमसे मिलना चइहो जी ||3||
मुसलमान के मस्जिद मंदिर में पता लगाइ जी ||
वेद पुराण कुरान जहाँ पर उस जगहे पर अइहो जी ||
पाप छोड़ के परम के जगहे बेसक हमके पइहो जी ।
उड़ान- जहा धरम के बात होईहै उहवै पर मुलाकात रहवै ||4||
