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ई सुमिरन कजरी में उस परमपिता परमेश्वर के महिमा गावल गइल बा जे ई सारा जहान रचले बाड़न अउर जे प्रहलाद व द्रोपदी जइसन भक्तन के संकट हरले बाड़न।

मुख्य जानकारी

सुमिरन करले उसका जिसका रचा जहान है ।

अगर जो तुझमे ज्ञान है न || टेक

वाही पवन बनाया पानी-आतस खान बनाया शानी-उसी से है बिलकुल औदानी चानी-सोना उसी से पत्थर पारस परवान है ||1||

उसने ऐसा बाग बनाया कलऔ फूलों से लटकाया-अबतक पता कोई न पाया-काया बना के पानी से पहनाया प्राण है अगर ||2||

चौदह तबक है उसका बाग चौदहो तबक खड़ा बेदागी-बता दे कहा है उसमे लाग भाग उसका जो उसके ऊपर कुर बना है ||3||

पिता जब खंजर लेके डाटा हरी को प्रहलाद जो ने रटा-रटाते भर में ही खम्भ फटा खम्भ से सिंह निकाल रिरना कुश पर गरजान है ||4||

था दुर्योधन ऐसा बीर सभा में लगा खींचने चिर द्रोपदी हरी को दिया सुमिरन चिर इतना बाढा कोई गिन न सका कैथान है । बफ्फत उसी के गुनके उसीके बल से नाम कमाए बड़-बड़ शयर दहलाए उसी के उसका चारो तरफ में मान है ||5||