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ई कजली एक तरफा इश्क के एगो दर्दनाक दास्तान ह, जहाँ डोली में जात दुलहिन के एक झलक देख के जान देवे वाला लड़का के कबर में बरसों बाद उहे औरत जिन्दा समा जाले।

मुख्य जानकारी

एकठे नईनार नईहर से ससुर जात है बड़े जुलम की बात है । (टेक)

एक नार गवने की जाती करके खूब खूब तईयारी जी ।

एक तो सूरत वाली दूसरे रही ऊमर की बारी जी ||

कहरे डोली उठाय करके रास्ता लिए सिधारी जी ।

खाली नाऊ चला साथ करने को खिजमत दरी जी ||

उड़ान- बढ़ गई डोली पीछे रही बरात है || बड़े जुलम की बात है…… ||1||

लगी प्यास जब दुलहनिया को तो नाऊ से बतलाया जी ।

एक दरखत को निचे नाऊ डोली को छिपवाया जी ||

तब ओ नाऊ कुआ से जाके पानी भर के लाया जी ।

दस बीस लड़का उस दरखत के निचे खेल मचाया जी ।

उड़ान- एक लड़का था खड़ा लगाये घात है || बड़े जुलम की बात है…… ||2||

लड़का एक दम छोड़ नहीं था लड़का सयाना जी ।

पानी पिते देखा सकल तब लड़का हुआ दीवाना जी ||

पानी पिलाय करके कहरे रस्ता हुए खाना जी ।

तबओ लड़का चढ़ा पेड़ पर ऐसा ईश्क समाया जी ||

उड़ान- इश्क के मद से गयाओ लड़का मात है || बड़े जुलम की बात है…… ||3||

जैसे-जैसे डोली बढ़ा अगाड़ीं लड़का चढ़त पेड़ पर जय जी ।

डोली भी अनदेखी हुई दरखत भी गया आराय जी ।

तबओ लड़का लगा सोचने डोली देखु धाय जी ||

आगे की जब कदम गिरा पछाड़ा खाय जी ।

उड़ान- दुलहिन उसके हुई जान की घात है || बड़े जुलम की बात है…… ||4||

उस दुलहिन की सूरत पर लड़का खोया अपना जान जी ।

पाप तो दिल में रहा नहीं था सूरत पर लोमान जी ||

था ओ लड़का मुस्लमान का दरखत के निचे गड़ान जी ।

पक्का उसका कबर बना है अभी तलक निशान जी ||

उड़ान- यह बयान जो सुनैओ चक्कर खात है || बड़े जुलम की बात है…… ||5||

बहुत दिना के बादऊ दुलहिन नईहर को किया पयान जी उसी जगह पर पहुंची जहवाँ लड़का रहा गड़ान जी ।

जिस सक्स से पूछा उसने जड़ से किया बयान जी ||

एक दुलहिन के सूरत पर जी पर गया जवान जी ।

उड़ान- सुनके औरत लगी पिसने दात है || बड़े जुलम की बात है ||6||

कहती औरत सुन आशिक क्यू हमपर जान गवाई जी ।

कबर अपना खोल देव हम सूरत देई दिखाई जी ।

आखिर के पट गया कबर दुलहन उसमें समाई जी ||

थोड़ी ओढ़नी रहीगा बाकी कबर हुआ एक जाई जी ।

उड़ान- भाईया अभी तलक से ऊ ओढ़नी लहरत है || बड़े जुलम की बात है…… ||7||

बफ्फत कहते देखा नहीं हम सुने और के कने जी ।

कितने लोग कहे हमसे है बिलकुल सही बया जी ।

ये यारो यह सुनके दस्ता इसपर लाओ इमाने जी ।

खुदा पर तुं इतबार करो दोनों जग लगी ठेकाने जी ||

उड़ान- यह पद सुनके लक्षिमन मुस्कात है || बड़े जुलम की बात है…… ||8||