नईहर सासुर निर्गुन

ई कजली नईहर में खेल-कूद में दिन बितवला के बाद, अचानक गवना के बुलावा अइला पर दुलहिन के मन में उठल भारी फिकर अउर पछतावा के बयान करेले।

कजरी कलयुगी

ई कजरी कलयुग के अजीबोगरीब रंग अउर समाज में हो रहल नैतिक पतन, जहाँ झूठ के बोलबाला बा अउर सांच के कवनो कदर नइखे, ओकर वर्णन करत बा।

नई नार

ई कजली एक तरफा इश्क के एगो दर्दनाक दास्तान ह, जहाँ डोली में जात दुलहिन के एक झलक देख के जान देवे वाला लड़का के कबर में बरसों बाद उहे औरत जिन्दा समा जाले।

कजरी मिर्जापुरी

ई मिर्जापुरी कजरी प्रेमिका द्वारा करार करके मुकर जाए, मीठा बोल के झांसा देवे अउर अंत में प्रेमी के साथे विश्वासघात करे के पीड़ा के वर्णन करत बा।

कजरी सुमिरन

ई सुमीरन कजरी में कवि 'बफ्फत' अपने प्यारे बलमु के हर घड़ी हरी (रघुवीर) के नाम जपे के सीख देत बाड़न, जेकरा से सब संकट कट जाला अउर भवसागर से बेड़ा पार हो जाला।

कजरी सुमिरन जन जीरा

ई सुमिरन कजरी में प्रहलाद, रावन अउर द्रोपदी के प्रसंग के माध्यम से ई समझावल गइल बा कि हरी (भगवान) के सुमिरन के बिना कवनो चाल से उद्धार संभव नइखे।

कजरी सुमिरन

ई सुमिरन कजरी में उस परमपिता परमेश्वर के महिमा गावल गइल बा जे ई सारा जहान रचले बाड़न अउर जे प्रहलाद व द्रोपदी जइसन भक्तन के संकट हरले बाड़न।

कजरी-कलयुग, सतयुग संवाद

ई कजरी कलयुग अउर सतयुग के बीच के संवाद ह, जहाँ कलयुग पाप, नशा अउर झूठ के अपना ठिकाना बतावत बा त उहें सतयुग धर्म-कर्म अउर मंदिर-मस्जिद में मिले के बात कहत बा।

कजरी-बरसाती

ई बरसाती कजरी सावन में परदेसी पति के इंतज़ार, विरह के दर्द अउर अंत में अचानक उनकर वापस अइला पर सेजरिया के सुख अउर मिलन के वर्णन करत बा।

कजली